Assi Ghat Varanasi Photos: गंगा आरती, सूर्योदय और बोट राइड की अद्भुत झलकियाँ

Assi Ghat Varanasi Photos: गंगा आरती, सूर्योदय और बोट राइड की अद्भुत झलकियाँ

Assi Ghat Varanasi: वाराणसी को काशी भी कहा जाता है, और यहाँ के घाट इसकी आत्मा हैं। इनमें से अस्सी घाट सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध माना जाता है।अस्सी घाट वाराणसी गंगा किनारे स्थित एक बेहद लोकप्रिय स्थल है, जहाँ आस्था और संस्कृति दोनों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यहाँ हर दिन सुबह सुबह-ए-बनारस का आयोजन, शाम को गंगा आरती, और दिनभर साधुओं, छात्रों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों की चहल-पहल देखने को मिलती है। इस ब्लॉग में हम आपको Assi Ghat Varanasi Photos और उनके साथ 10 विशेष पहलुओं के बारे में बताएँगे।

सुबह-ए-बनारस: अस्सी घाट की आत्मा

Subah e Banaras

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सुबह 5 बजे यहाँ राग, भजन, योग और गंगा आरती का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इसे सुबह-ए-बनारस कहा जाता है। यह दृश्य हर पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देता है।

गंगा का सूर्योदय

Sun Rise Assi Ghat Varanasi

सुबह होते ही गंगा नदी का दृश्य अस्सी घाट से देखते ही बनता है। हल्की धुंध और सुनहरी रोशनी घाट को आध्यात्मिक आभा से भर देती है। श्रद्धालु गंगा स्नान कर अपने दिन की शुरुआत करते हैं, और योग करने वाले साधक सूर्य की पहली किरण का स्वागत करते हैं। यह दृश्य हर पर्यटक और भक्त के दिल को छू जाता है।

 सुकून भरा दृश्य

People enjoying at assi ghat varanasi

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दिन चढ़ने पर अस्सी घाट स्थानीय जीवन और आस्था का संगम बन जाता है। लोग स्नान करते हैं, साधु प्रवचन देते हैं, और गंगा किनारे बैठकर लोग शांति का अनुभव करते हैं। यहाँ की चहल-पहल बनारस की जीवनशैली की झलक है, जहाँ हर कोई अपने ढंग से गंगा से जुड़ता है।

पैनोरमिक नज़ारा

Panoramic Seen Assi Ghat Varanasi

अस्सी घाट का पैनोरमिक दृश्य वाराणसी की सुंदरता को एक फ्रेम में समेट देता है। गंगा का व्यापक विस्तार, घाट पर भीड़, और नावों की कतार इस दृश्य को और आकर्षक बनाते हैं। पर्यटक यहाँ बैठकर घंटों गंगा की लहरों को निहारते रहते हैं।

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सुबह की गंगा आरती

Morning Ganga Aarti - Assi Ghat Varanasi

सुबह की गंगा आरती अस्सी घाट की सबसे खास परंपरा है। ब्रह्म मुहूर्त में जब मंत्रोच्चार और घंटियों की ध्वनि गूंजती है, तो वातावरण में एक अद्भुत शांति फैल जाती है। यह दृश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आध्यात्मिकता से जोड़ देता है।

गंगा आरती का दिव्य दृश्य

Evening Ganga Aarti - Assi Ghat Varanasi

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शाम को गंगा आरती का अद्भुत नजारा देखने हजारों लोग जुटते हैं। ढोल, शंख और दीपमालाओं से सजी यह आरती मन को शांति और ऊर्जा से भर देती है।

गंगा में नाव की सैर (Boat Ride)

Boat Ride - Assi Ghat Varanasi

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अस्सी घाट से नाव की सैर का अनुभव अनूठा होता है। नाव से गंगा की लहरों पर तैरते हुए पर्यटक पूरे काशी के घाटों को एक साथ देख सकते हैं। सुबह का सूर्योदय और शाम का सूर्यास्त नाव से देखने पर और भी मोहक लगते हैं।अस्सी घाट (Assi Ghat Varanasi) से नाव लेकर दशाश्वमेध घाट, पंचगंगा घाट तक की यात्रा गंगा किनारे के जीवन को नजदीक से दिखाती है।

साधु-संत और तपस्वी

A Sadhu In Varanasi - Assi Ghat
A Sadhu In Varanasi

अस्सी घाट साधुओं और तपस्वियों का ठिकाना है। केसरिया वस्त्र पहने संन्यासी यहाँ ध्यान और साधना में लीन रहते हैं।

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विदेशी पर्यटक और सांस्कृतिक मिलन

Foreign tourists and cultural exchanges

अस्सी घाट पर विदेशी पर्यटक भी खूब आते हैं। यहाँ वे योग, ध्यान और भारतीय संस्कृति को करीब से अनुभव करते हैं।

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 त्योहारों पर सजता अस्सी घाट

छठ पूजा, देव दीपावली, मकर संक्रांति और कार्तिक पूर्णिमा पर अस्सी घाट जगमगा उठता है। हजारों दीपक गंगा में प्रवाहित होते हैं।

अस्सी घाट और बनारसी पान

अस्सी घाट के आसपास बनारसी पान और चाय की दुकानों का स्वाद बेहद प्रसिद्ध है। यहाँ की गलियों में बैठकर चाय-पान का आनंद अलग ही अनुभव है।

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साहित्य और कला का केंद्र

अस्सी घाट लंबे समय से कवियों, लेखकों और कलाकारों का पसंदीदा स्थान रहा है। प्रसिद्ध कवि निराला और पद्मश्री काशी नाथ सिंह का भी संबंध इस घाट से जुड़ा है।

अस्सी घाट की रात की रौनक

Assi Ghat Varanasi Night View

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रात में अस्सी घाट रंग-बिरंगी रोशनी और गंगा के किनारे की चहल-पहल से जीवंत हो उठता है। यहाँ देर रात तक संगीत, चर्चा और सैर-सपाटा चलता रहता है।

निष्कर्ष

अस्सी घाट वाराणसी (Assi Ghat Varanasi) न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह संस्कृति, कला और जीवन का संगम भी है। अगर आप वाराणसी की यात्रा पर हैं, तो अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस, गंगा आरती और बोट राइड का अनुभव जरूर करें। यह आपकी यात्रा को यादगार बना देगा।

अस्सी घाट वाराणसी से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: अस्सी घाट वाराणसी किसके लिए प्रसिद्ध है?

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अस्सी घाट वाराणसी गंगा आरती, सुबह-ए-बनारस, साधु-संत और पर्यटकों की चहल-पहल के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 2: सुबह-ए-बनारस कार्यक्रम कब होता है?

सुबह-ए-बनारस रोज़ाना सुबह 5 बजे से अस्सी घाट पर होता है, जिसमें योग, भजन और गंगा आरती शामिल है।

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प्रश्न 3: अस्सी घाट पर गंगा आरती कब होती है?

गंगा आरती हर रोज़ शाम को सूर्यास्त के बाद अस्सी घाट पर आयोजित की जाती है।

प्रश्न 4: क्या अस्सी घाट पर बोट राइड मिलती है?

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हाँ, अस्सी घाट से नाव लेकर दशाश्वमेध घाट और अन्य घाटों तक जाया जा सकता है।

प्रश्न 5: अस्सी घाट जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

सुबह सूर्योदय और शाम गंगा आरती का समय अस्सी घाट घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

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Image Credits:
अधिकांश तस्वीरें Pixabay और
Unsplash से ली गई हैं (Free to use, No attribution required).
कुछ तस्वीरें Wikimedia Commons से हैं
(CC BY-SA 4.0 License, attribution provided).
Team Varanasi Mirror

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