BHU Art Exhibition 2025: काशी और बंगाल के आर्ट संगम ने वाराणसी में रचा सांस्कृतिक महाकुंभ

BHU आर्ट एग्ज़िबिशन 2025 की शुरुआत
गंगा किनारे बसी काशी सिर्फ़ अध्यात्म का नहीं बल्कि कला और संस्कृति का भी धाम है। इसी परंपरा को और सशक्त बनाने के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में आज से एक विशेष प्रदर्शनी शुरू हुई है। इस कार्यक्रम का नाम है “बंगाल–वाराणसी आर्ट एक्सचेंज एग्ज़िबिशन 2025”, जो 29 अगस्त से 1 सितम्बर तक चलेगा।
यह प्रदर्शनी सिर्फ़ चित्रों और मूर्तियों का संग्रह नहीं है, बल्कि दो महान सांस्कृतिक धरोहरों—बंगाल और काशी—के अनोखे मिलन का प्रतीक है।
वाराणसी की अहिवासी आर्ट गैलरी में आज BHU आर्ट एग्ज़िबिशन 2025 (BHU Art Exhibition 2025) का शुभारंभ हुआ। गंगा तट की पवित्र भूमि पर आयोजित इस प्रदर्शनी ने बनारस की कला, संस्कृति और अध्यात्म को नया आयाम दिया। उद्घाटन के पहले ही दिन बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, छात्र और पर्यटक यहाँ पहुँचे।
इस प्रदर्शनी में 60 से अधिक कलाकारों की कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गईं, जिनमें काशी की आध्यात्मिक झलक, लोककला और आधुनिक चित्रकला का संगम दिखाई दिया। कला समीक्षकों का मानना है कि यह आयोजन वाराणसी को विश्व कला मानचित्र पर और भी मज़बूत पहचान दिलाएगा।
प्रदर्शनी की ख़ास बातें
- स्थान: अहिवासी आर्ट गैलरी, BHU
- अवधि: 29 अगस्त – 1 सितम्बर 2025
- भागीदारी: 60 से अधिक कलाकार
- प्रमुख आकर्षण: पेंटिंग्स, मूर्तिकला, मुखौटे और समकालीन कला की झलक
बंगाल वाराणसी आर्ट संगम का आकर्षण
इस प्रदर्शनी (BHU Art Exhibition 2025) की सबसे बड़ी खासियत रही बंगाल वाराणसी आर्ट संगम। बंगाल की ललित कला और काशी की अध्यात्मिक परंपरा जब एक ही मंच पर आई, तो दर्शकों को एक अनोखा अनुभव मिला।
रंगों और रेखाओं के माध्यम से कलाकारों ने गंगा-जमुनी तहज़ीब का संदेश दिया।
कला प्रेमियों का कहना है कि यह संगम सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि दो महान सांस्कृतिक परंपराओं का मिलन है। इसने दिखाया कि कला किसी सीमा में बंधी नहीं, बल्कि जोड़ने का माध्यम है।
वाराणसी में कला प्रदर्शनी की झलक
वाराणसी में कला प्रदर्शनी देखने पहुँचे लोगों ने बताया कि यहाँ सिर्फ कला नहीं, बल्कि अध्यात्म और संस्कृति की खुशबू भी महसूस हुई। गंगा तट की पृष्ठभूमि में यह आयोजन पर्यटकों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बना।
विदेशी पर्यटक भी इस आयोजन में बड़ी संख्या में पहुँचे और उन्होंने इसे “कला और अध्यात्म का अद्भुत मेल” बताया। पर्यटन विभाग का मानना है कि ऐसे आयोजनों से वाराणसी को सांस्कृतिक राजधानी के रूप में वैश्विक स्तर पर और पहचान मिलेगी।
BHU सांस्कृतिक कार्यक्रम से मिला अवसर
इस पूरे आयोजन को BHU सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा माना गया। इसमें छात्रों और शोधार्थियों को वर्कशॉप, कला चर्चाओं और प्रदर्शनी के जरिए नई तकनीकें सीखने का अवसर मिला।
कई युवा कलाकारों ने इसे अपने करियर के लिए एक सुनहरा मौका बताया। कला विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजन भविष्य में कला शिक्षा और रिसर्च को और मज़बूत करेंगे।
काशी सांस्कृतिक आयोजन की पहचान
अंततः यह पूरा आयोजन एक भव्य काशी सांस्कृतिक आयोजन के रूप में सामने आया। विदेशी विद्वानों ने कहा कि इस प्रदर्शनी ने वाराणसी की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत किया है।
गंगा किनारे आयोजित यह आर्ट एग्ज़िबिशन भक्तिभाव और रचनात्मकता दोनों का अनोखा संगम बन गया। काशी की धरती पर कला का यह महोत्सव आने वाले समय में भी शहर को नई पहचान दिलाता रहेगा।
यदि आप आने वाले दिनों में वाराणसी जाने का विचार बना रहे हैं तो BHU की अहिवासी आर्ट गैलरी (BHU Art Exhibition 2025)में चल रही यह प्रदर्शनी ज़रूर देखें।
FAQs – BHU Art Exhibition 2025: Bengal Art Sangam
यह एक सांस्कृतिक प्रदर्शनी है जिसमें वेस्ट बंगाल और वाराणसी के 60+ कलाकार अपनी पेंटिंग्स, मूर्तियाँ और मास्क प्रदर्शित कर रहे हैं। इस इवेंट का उद्घाटन 28 अगस्त 2025 को Ahivasi Art Gallery, BHU कैंपस में प्रोफेसर उत्तम दीक्षित ने किया।
प्रदर्शनी 2 सितंबर 2025 तक जनता के लिए खुली रहेगी। हर दिन 11:00 AM से 5:00 PM तक दर्शक आ सकते हैं।
प्रदर्शनी में 7 वरिष्ठ और 36 युवा कलाकार वेस्ट बंगाल से, और 9 वरिष्ठ और 15 युवा कलाकार वाराणसी से भाग ले रहे हैं। इन कलाकारों ने पारंपरिक और आधुनिक कला का मिश्रण प्रदर्शित किया है, खासकर मास्क प्रदर्शन ने क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत को उजागर किया है।
यहाँ आपको पेंटिंग्स, मूर्तियाँ और पारंपरिक मास्क का विविध संग्रह मिलेगा, जो क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत और कलात्मक नवाचार को दर्शाता है।
हाँ, 29 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक, हर दिन 2:30 PM से 4:15 PM तक इंटरैक्टिव सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें कला विशेषज्ञ और विद्वान आधुनिक कला और सांस्कृतिक परंपराओं पर चर्चा करेंगे।
प्रवेश निशुल्क है और जनता के लिए खुला है। आप सीधे Ahivasi Art Gallery, BHU कैंपस जाकर प्रदर्शनी देख सकते हैं।