जनता दरबार वाराणसी: सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुनीं 99 शिकायतें, काशी में रचा इतिहास

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी में रविवार को आयोजित जनता दरबार वाराणसी (Janata Darbar in Varanasi) में पहुँचे और आम जनता की शिकायतें सुनीं। यह पहली बार था जब किसी सीएम ने सीधे वाराणसी (Kashi) में जनता की समस्याएँ सुनने के लिए दरबार लगाया।
Janata Darbar Varanasi : 99 शिकायतों का समाधान
इस जनता दरबार वाराणसी (Janata Darbar Varanasi) में आसपास के जिलों से आए 99 शिकायतकर्ताओं ने अपनी समस्याएँ रखीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी की बातें ध्यान से सुनीं और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
समस्याओं में ज़मीन विवाद, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेंशन, सड़क और बिजली से जुड़े मुद्दे प्रमुख रहे।
Janata Darbar का उद्देश्य
योगी आदित्यनाथ काशी में इस पहल के जरिए यह संदेश देना चाहते हैं कि जनता को अपनी समस्या लेकर लखनऊ या अन्य शहरों की दौड़ न लगानी पड़े।
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि कोई भी मामला लंबित नहीं रहना चाहिए।
जनता दरबार का माहौल
सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग दरबार स्थल पर पहुँचे। सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे ताकि हर व्यक्ति अपनी समस्या शांति से रख सके।
मुख्यमंत्री ने लगभग दो घंटे तक लगातार लोगों की फरियादें सुनीं। लोगों का कहना था कि जनता दरबार वाराणसी (Janata Darbar Varanasi) एक ऐतिहासिक कदम है जिसने जनता का भरोसा और मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा –
“काशी केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र ही नहीं है, बल्कि इसे प्रशासनिक दृष्टि से भी आदर्श बनाएँगे। जनता की समस्याओं का समय पर समाधान हमारी पहली प्राथमिकता है।”
वाराणसी में Janata Darbar क्यों खास?
- यह पहला अवसर है जब किसी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार वाराणसी (Janata Darbar Varanasi) आयोजित किया।
- जनता को अपनी समस्या बताने का सीधा मंच मिला।
- प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सीधा असर पड़ेगा।
- काशी की खबरें (Kashi ki Khabrein) अब विकास और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़ेंगी।
जनता की प्रतिक्रिया
- एक किसान ने कहा कि वर्षों से चल रहे ज़मीन विवाद पर अब समाधान की उम्मीद जगी है।
- एक छात्र ने शिकायत की कि विद्यालय में किताबें और शिक्षक की कमी है, जिस पर सीएम ने तुरंत डीएम को आदेश दिए।
- महिलाओं ने पेंशन और राशन कार्ड से जुड़ी समस्याएँ रखीं जिन्हें प्राथमिकता से निपटाने का निर्देश दिया गया।
निष्कर्ष
जनता दरबार वाराणसी (Janata Darbar Varanasi) केवल एक कार्यक्रम नहीं था बल्कि प्रशासन और जनता के बीच संवाद का नया अध्याय है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी में इस कदम के जरिए काशीवासियों को यह भरोसा दिलाते हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान अब सीधे उनके शहर से होगा।